रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2020 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है. मूडीज ने यह अनुमान 6.6 फीसदी से घटाकर 5.4 फीसदी कर दिया है. इसके साथ ही मूडीज ने 2021 में जीडीपी बढ़त के अनुमान को भी 6.7 फीसदी से घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है.
मूडीज ने कहा कि नोवेल कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में जो सुस्ती आई है, उसकी वजह से भारत के जीडीपी ग्रोथ में तेजी की रफ्तार कम हो सकती है. उसने कहा कि भारत में अब किसी भी तरह के सुधार को उम्मीद से कम ही माना जाना चाहिए.
मूडीज ने कहा कि साल 2020 में G-20 देशों की इकोनॉमी में 2.4 फीसदी बढ़त होने का अनुमान है. मूडीज ने इस साल चीन की ग्रोथ रेट अनुमान को भी घटाकर 5.2 फीसदी और 2021 के लिए 2.4 फीसदी कर दिया है. मूडीज ने कहा कि कोरोना वायरस के कहर का चीन की अर्थव्यवस्था के लिए काफी नकारात्मक असर होगा.
मूडीज ने कहा, 'हाल के पीएमआई जैसे आंकड़ों से यह तो पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई है और मौजूदा तिमाही में सुधार होने लगा है, लेकिन हमें लगता है कि अब सुधार पहले की उम्मीद से कम रफ्तार से होगा. इसलिए हमने अपना ग्रोथ अनुमान 2020 के लिए 5.4 फीसदी और 2021 के लिए 5.8 फीसदी कर दिया है.
गौरतलब है कि चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है. चीन में कोरोनावायरस (कोविड-19) से रविवार को 142 और लोगों की मौत हो गई. इससे मरने वालों की कुल संख्या 1775 हो गई है.
इसके पहले जनवरी महीने में संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया था. UN ने कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रह सकती है. इसके पहले वर्ल्ड बैंक जैसी कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा चुकी हैं.
भारत सरकार के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) और वर्ल्ड बैंक ने तो वित्त वर्ष 2019-20 में सिर्फ 5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रखने का अनुमान जाहिर किया है. वहीं सरकार के आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ रेट 6-6.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है.
मूडीज ने कहा कि नोवेल कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में जो सुस्ती आई है, उसकी वजह से भारत के जीडीपी ग्रोथ में तेजी की रफ्तार कम हो सकती है. उसने कहा कि भारत में अब किसी भी तरह के सुधार को उम्मीद से कम ही माना जाना चाहिए.
मूडीज ने कहा कि साल 2020 में G-20 देशों की इकोनॉमी में 2.4 फीसदी बढ़त होने का अनुमान है. मूडीज ने इस साल चीन की ग्रोथ रेट अनुमान को भी घटाकर 5.2 फीसदी और 2021 के लिए 2.4 फीसदी कर दिया है. मूडीज ने कहा कि कोरोना वायरस के कहर का चीन की अर्थव्यवस्था के लिए काफी नकारात्मक असर होगा.
मूडीज ने कहा, 'हाल के पीएमआई जैसे आंकड़ों से यह तो पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई है और मौजूदा तिमाही में सुधार होने लगा है, लेकिन हमें लगता है कि अब सुधार पहले की उम्मीद से कम रफ्तार से होगा. इसलिए हमने अपना ग्रोथ अनुमान 2020 के लिए 5.4 फीसदी और 2021 के लिए 5.8 फीसदी कर दिया है.
गौरतलब है कि चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है. चीन में कोरोनावायरस (कोविड-19) से रविवार को 142 और लोगों की मौत हो गई. इससे मरने वालों की कुल संख्या 1775 हो गई है.
इसके पहले जनवरी महीने में संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया था. UN ने कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रह सकती है. इसके पहले वर्ल्ड बैंक जैसी कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा चुकी हैं.
भारत सरकार के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) और वर्ल्ड बैंक ने तो वित्त वर्ष 2019-20 में सिर्फ 5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रखने का अनुमान जाहिर किया है. वहीं सरकार के आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ रेट 6-6.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है.
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