नागरिकता संशोधन एक्ट के मामले को लेकर देशभर में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच लोकसभा में इस मसले को उठाया गया. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में बताया कि पिछले 10 साल में 21 हजार विदेशियों को भारत की नागरिकता दी गई है. इन हजारों शरणार्थियों में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक भी हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित जवाब में पिछले दस सालों का ब्यौरा दिया. सरकार के जवाब के मुताबिक, 2010 से 2019 तक 21408 शरणार्थियों को नागरिकता दी गई है. इसमें 15 हजार बांग्लादेशी नागरिकों को भी नागरिकता मिली है.
जवाब में बताया गया है कि साल 2015 में भारत-बांग्लादेश के बीच हुए समझौते के बाद जब बांग्लादेश के 53 एन्क्लेव को भारत में शामिल किया गया था. तभी 14864 बांग्लादेशी नागरिकों को भारत की नागरिकता मिली थी. संसद में दिए गए सरकार के जवाब के मुताबिक, मोदी सरकार आने के बाद से शरणार्थियों को नागरिकता देने की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
साल 2015 में भारत और बांग्लादेश के बीच लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट हुआ था. जिसके बाद नागरिकता एक्ट 1955 के सेक्शन 7 के मुताबिक इन्हें नागरिकता दी गई थी. हालांकि, इन हजारों में किस-किस धर्म के लोग शामिल हैं उसका जिक्र नहीं किया गया है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित जवाब में पिछले दस सालों का ब्यौरा दिया. सरकार के जवाब के मुताबिक, 2010 से 2019 तक 21408 शरणार्थियों को नागरिकता दी गई है. इसमें 15 हजार बांग्लादेशी नागरिकों को भी नागरिकता मिली है.
जवाब में बताया गया है कि साल 2015 में भारत-बांग्लादेश के बीच हुए समझौते के बाद जब बांग्लादेश के 53 एन्क्लेव को भारत में शामिल किया गया था. तभी 14864 बांग्लादेशी नागरिकों को भारत की नागरिकता मिली थी. संसद में दिए गए सरकार के जवाब के मुताबिक, मोदी सरकार आने के बाद से शरणार्थियों को नागरिकता देने की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
साल 2015 में भारत और बांग्लादेश के बीच लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट हुआ था. जिसके बाद नागरिकता एक्ट 1955 के सेक्शन 7 के मुताबिक इन्हें नागरिकता दी गई थी. हालांकि, इन हजारों में किस-किस धर्म के लोग शामिल हैं उसका जिक्र नहीं किया गया है.
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