फिल्म "ये है मेरा वतन'' के चौथे पोस्टर में "राणा जुंग बहादुर"
सबसे पहले "प्रमोद माउथो" अपने पोस्टर में कह रहे हैं...
"हम तो खुशकिस्मत थे कि पाकिस्तान आ गए उनके बारे में सोचो जो नहीं आ पाए…।"
इसके बाद "यशपाल शर्मा" ने अपने पोस्टर में कहा...
"तुम पाकिस्तान तो चले गए ! मगर पाकिस्तानी आज तक नहीं कहलाये मुहाजिर कहलाते हो मुहाजिर"
तीसरे पोस्टर में "विष्णु शर्मा" ने कहा...
"इससे पहले की टेरेरिस्ट अपना ट्रेनिंग कैंप छोड़ कर जाये हम अपने मिसाइल उनपर छोड़ देंगे"
जहर उगलते चौथे पोस्टर में शक्कू राणा ये कहते हुए नज़र आये...
"इस आग से पाकिस्तान को जलाओगे क्या ?, बचाके रखो इसे इंडिया को जलाने के लिए"
अनलॉक के बाद अब पांचवा पोस्टर आ गया है और पांचवे पोस्टर से निकले हैं "राणा जंग बहादुर" जिनके मुंह से निकला ये डायलॉग वतनपरस्ती पर खड़ा करता है कई सवाल ! राणा के मुँह से निकला ये विवादित सवाल...
"ओये कबूतरा !! ईद के दिन गले मिलने से घबरा रहा है कहीं तूने कमर पे बम तो नहीं बांध रखा है ? "
श्रोतागण हम तो सचमुच कन्फुज हो गए है इस घडी,
देखते है मुस्ताक पाशा कहाँ से कहाँ जोड़ते हैं वतनपरस्ती की कड़ी।
- अरुण कुमार कमल
लेखक, निर्माता, निर्देशक "मुश्ताक़ पाशा"
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