दीनदयाल मुरारका फाउंडेशन मुंबई द्वारा कांदिवली में एक व्यंग- परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अकोला के प्रसिद्ध व्यंग्यकार घनश्याम अग्रवाल उपस्थित थे। उनके 50 वर्षीय काव्य मंचीय जीवन के लिए उन्हें इस अवसर पर सम्मानित किया गया। चर्चा में घनश्याम जी ने अपनी प्रसिद्ध कविता 'शिशु की कथा' के द्वारा जीवन के विभिन्न विसंगतियों को रेखांकित किया।
हास्य कवि सुभाष काबरा ने अपने चिर परिचित अंदाज में एक पद्य रचना 'बड़े आदमी' का पाठ किया। उस रचना ने सभी को प्रसिद्ध व्यंग्यकार शरद जोशी की बरबस याद दिला दी। शरद जोशी जी भी कुछ इसी चुटिलें अंदाज में रचनाओं का पाठ किया करते थे। गीतकार देवमणि पांडेय ने अपनी चुनिंदा शायरी के़ द्वारा कार्यक्रम का समा बांध दिया। कवि पूरण पंकज ने अपने कुछ उम्दा गजलों के द्वारा सभी दर्शकों की वाहवाही लूटी। कार्यक्रम में दीनदयाल मुरारका, महेश हलवाई, समीर,राम के अलावा कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सुभाष काबरा ने किया।
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