मुंबई के जाने समाजसेवी, लेखक व साहित्यप्रेमी डाॅ. दीनदयाल मुरारका द्वारा संकलित, 200 प्रेरक कथाओं से लबरेज पुस्तक है 'प्रेरणाओं के इन्द्रधनुष'। इस पुस्तक की जरूरत क्यों पड़ी, इसके बारे में वे लिखते हैं कि, 'मानवता को एक अलग रंग में प्रस्तुत करने वाला हर उदाहरण अपने आप में अनूठा है। कहीं अदम्य साहस है, कहीं बेजोड़ मेहनत। कहीं धैर्य है तो कहीं परिस्थितियों को अनुकूल बनाने का संघर्ष, कहीं दूरदृष्टि है तो कहीं दया और ममता।'
एकदम सच बात। डा मुरारका खूब पढ़ते हैं और इसी के शौक के तहत वे ढ़ेर सारा प्रेरक साहित्य आत्मसात कर चुके हैं। इससे उनका मन हुआ कि प्रेरणा का यह खजाना आम पाठकों तक भी पहुंचाया जाए। परिणाम स्वरूप 'प्रेरणाओं के इंद्रधनुष' को पुस्तक रूप मिल गया। इसमें 200 नामचीन हस्तियों के ऐसे प्रेरक प्रसंग हैं जो निराशा, दुख, तनाव, अवसाद या अनिर्णय की स्थिति में पाठकों को सकारात्मक राह सुझाते हुए जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
बता दें कि 'जीवन भर हम समाज से जो पाते हैं, उसका छोटा सा हिस्सा भी समाज के जरूरतमंद एवं वंचित लोगों को लौटा सके तो इसे अपना सौभाग्य मानना चाहिए'। इसी सोच के साथ उन्होंने 'दीनदयाल मुरारका फाउंडेशन' की स्थापना की है। इसके द्वारा नियमित रूप से समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के लिए निशुल्क विविध चिकित्सा शिविरों का आयोजन विभिन्न स्कूलों एवं स्लम बस्तियों में किया जाता है। जहां कुशल डॉक्टरों की टीम निशुल्क सेवाएं प्रदान करती है।
'प्रेरणाओं के इंद्रधनुष' को गढ़ने वाले कथा नायकों में राजनेता हैं, वैज्ञानिक हैं, साहित्यकार हैं, खिलाड़ी हैं तो दार्शनिक, विद्वान, उद्योगपति, कवि, अभिनेता, प्राध्यापक, कलाकार, इंजीनियर आदि के साथ किसान और मजदूर भी हैं। उदाहरण के लिए लेखक की जिंदगी साहित्यकार चार्ल्स डिकेन्स से, अनूठा वैज्ञानिक जार्ज बिरगस से, किसान का बेटा इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ग्लैडस्टोन से तथा कर्म की ताकत विश्वविजेता नेपोलियन से जुड़ी कथा है।
डा मुरारका के अनुसार, इन प्रेरक कथाओं का जितना प्रचार हुआ है उससे कई सौ गुना ज्यादा करने की जरूरत है क्योंकि सिर्फ एक कथा का ही असर अनेक अवसादों से दूर रहने की शक्ति देता है। लेखक के पास अपनी सीधी, सरल व सुगम भाषा व प्रसंग को प्रेरक रूप देकर पेश करने की एक खास शैली है जिससे सारी की सारी कथाएं अत्यंत दिलचस्प बन गई हैं जो कि पाठकों को बाँधे रखती हैं। इस सभी कथाओं का फलक इतना विस्तृत है कि जीवन व समाज का कोई भी हिस्सा इनसे अछूता नहीं है।
'प्रेरणाओं के इंद्रधनुष' का मुखपृष्ठ, साज सज्जा व मुद्रण उत्तम गुणवत्ता का है। इसे गौरांग पब्लिशिंग ग्लोबलाइज ने प्रकाशित किया है।
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