Wednesday, 30 August 2023

दक्ष नागरिक फाउंडेशन के आयोजन में हजारों महिलाओं ने मनाया सामुहिक रक्षाबंधन



 अरूण कमल

  इन दिनों अपने कार्यों को लेकर चर्चित रहनेवाले एडवोकेट सुनिल शर्मा की संस्था दक्ष नागरिक फाउंडेशन की ओर से की आयोजित सामुहिक रक्षाबंधन कार्यक्रम शहर में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस फाऊंडेशन ने दिखाया कि रक्षाबंधन का यह त्योहार न केवल परंपरागत रूपों में होता है, बल्कि समाज में समर्पण और सहायता की भावना को भी मजबूती से प्रकट करता है। 

इस कार्यक्रम में करीब 10 हजार से अधिक स्थानीय महिलाएं शामिल हुईं, जिन्होंने एडवोकेट सुनिल शर्मा को राखी बांध कर उनके प्रति अपना स्नेह और प्रेम प्रकट किया। भले ही यह कार्यक्रम राजनैतिक नहीं था। परंतू कार्यक्रम में एडवोकेट शर्मा के प्रति हजारों की तादाद में दिखे जन समर्थन को लेकर राजनैतिक गलियारों हडकंप जरूर मचा हुआ है। 

इस स्नेहभावना और समर्पण के आदान-प्रदान के माध्यम से दक्ष नागरिक फाउंडेशन के अध्यक्ष, एडवोकेट सुनिल शर्मा ने महिलाओं को समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की पुनरावलोकन कराया। समर्पितता का यह संकेत दिखाता है कि शर्मा जैसे आदमी ने समाज में महिलाओं के प्रति आदर और समर्पण की प्रतिबद्धता की है। 

आयोजित कार्यक्रम में समर्पित और संवेदनशील भावनाओं के साथ एडवोकेट शर्मा ने घोषणा किया कि वे शहर में पीडित महिलाओं को निशुल्क वकालत सेवाएं प्रदान करेंगे, ताकि वे अपने अधिकारों की सुरक्षा कर सकें। साथ ही, वह गरीब और अनाथ बच्चों को गोद लेकर उनकी शिक्षा का खर्च उठाएंगे, जो एक शिक्षित समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। 

इस आदर्श कार्यक्रम के माध्यम से दक्ष नागरिक फाउंडेशन ने महिलाओं के साथ खड़ी भूमिका की महत्वपूर्णता को पुनर्जागरूक किया है, जबकि एडवोकेट शर्मा ने समाज में न्याय की महत्वपूर्णता को प्रमोट किया है।

ज्ञात हो कि एडवोकेट सुनिल शर्मा हालहीं में भाजपा में औपचारिक तौर पर प्रवेश कर चुके हैं। कार्यक्रम में पत्रकारों द्वारा इसी विषय पर राजनैतिक सवाल पूछे जाने पर एडवोकेट शर्मा ने जवाब दिया कि जनता कि सेवा करने के लिए उन्हे नगरसेवक, सांसद या आमदार (विधायक) बनने की जरूरत नहीं, बल्कि दिलदार होना जरूरी है। औऱ वे बिना चुनाव लडे ही जनता की सेवा करने में सक्षम है।



Thursday, 10 August 2023

ये कथाएं प्रेरणा देती हैं 'प्रेरणाओं के इंद्रधनुष' राजेश विक्रांत'

मुंबई के जाने समाजसेवी, लेखक व साहित्यप्रेमी डाॅ. दीनदयाल मुरारका द्वारा संकलित,  200 प्रेरक कथाओं से लबरेज पुस्तक है 'प्रेरणाओं के इन्द्रधनुष'। इस पुस्तक की जरूरत क्यों पड़ी, इसके बारे में वे लिखते हैं कि, 'मानवता को एक अलग रंग में प्रस्तुत करने वाला हर उदाहरण अपने आप में अनूठा है। कहीं अदम्य साहस है, कहीं बेजोड़ मेहनत। कहीं धैर्य है तो कहीं परिस्थितियों को अनुकूल बनाने का संघर्ष, कहीं दूरदृष्टि है तो कहीं दया और ममता।' 

एकदम सच बात। डा मुरारका खूब पढ़ते हैं और इसी के शौक के तहत वे ढ़ेर सारा प्रेरक साहित्य आत्मसात कर चुके हैं। इससे उनका मन हुआ कि प्रेरणा का यह खजाना आम पाठकों तक भी पहुंचाया जाए। परिणाम स्वरूप 'प्रेरणाओं के इंद्रधनुष' को पुस्तक रूप मिल गया। इसमें 200 नामचीन हस्तियों के ऐसे प्रेरक प्रसंग हैं जो निराशा, दुख, तनाव, अवसाद  या अनिर्णय की स्थिति में पाठकों को सकारात्मक राह सुझाते हुए जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

बता दें कि 'जीवन भर हम समाज से जो पाते हैं, उसका छोटा सा हिस्सा भी समाज के जरूरतमंद एवं वंचित लोगों को लौटा सके तो इसे अपना सौभाग्य मानना चाहिए'। इसी सोच के साथ उन्होंने 'दीनदयाल मुरारका फाउंडेशन' की स्थापना की है। इसके द्वारा नियमित रूप से समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के लिए निशुल्क विविध चिकित्सा शिविरों का आयोजन विभिन्न स्कूलों एवं स्लम बस्तियों में किया जाता है। जहां कुशल डॉक्टरों की टीम निशुल्क सेवाएं प्रदान करती है।

'प्रेरणाओं के इंद्रधनुष' को गढ़ने वाले कथा नायकों में राजनेता हैं, वैज्ञानिक हैं, साहित्यकार हैं, खिलाड़ी हैं तो दार्शनिक,  विद्वान, उद्योगपति, कवि, अभिनेता, प्राध्यापक, कलाकार, इंजीनियर आदि के साथ किसान और मजदूर भी हैं। उदाहरण के लिए लेखक की जिंदगी साहित्यकार चार्ल्स डिकेन्स से, अनूठा वैज्ञानिक जार्ज बिरगस से, किसान का बेटा इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ग्लैडस्टोन से तथा कर्म की ताकत विश्वविजेता नेपोलियन से जुड़ी कथा है।

डा मुरारका के अनुसार, इन प्रेरक कथाओं का जितना प्रचार हुआ है उससे कई सौ गुना ज्यादा करने की जरूरत है क्योंकि सिर्फ एक कथा का ही असर अनेक अवसादों से दूर रहने की शक्ति देता है। लेखक के पास अपनी सीधी, सरल व सुगम भाषा व प्रसंग को प्रेरक रूप देकर पेश करने की एक खास शैली है जिससे सारी की सारी कथाएं अत्यंत दिलचस्प बन गई हैं जो कि पाठकों को बाँधे रखती हैं। इस सभी  कथाओं का फलक इतना विस्तृत है कि जीवन व समाज का कोई भी हिस्सा इनसे अछूता नहीं है। 

'प्रेरणाओं के इंद्रधनुष' का मुखपृष्ठ, साज सज्जा व मुद्रण उत्तम गुणवत्ता का है। इसे गौरांग पब्लिशिंग ग्लोबलाइज ने प्रकाशित किया है।